तुम याद ना आया करो - पहला प्रश्न आप अपने आप से किजिए क्या आप अपने बच्चे के लिए जो भी करती है उतना निस्वार्थ भाव से आपके बच्चे के लिए कोई कर सकता है। नहीं ना… सकारात्मकता के साथ इस प्रश्न का उत्तर ढूंढिए पहले प्रश्न का उत्तर आपको मिल जाएगा। एक कहावत हमेशा याद रखिए दूर के ढोल सुहावने होते है।